1984 मे कांग्रेस द्वारा प्रायोजित और राजीव गाँधी की सहमती से हुए बहादुर
कौम सिक्खो के सामूहिक नरसंहार का भयावह सच कुछ तश्वीरो द्वारा .... नीच,
और कांग्रेस के हाथो बिकी मीडिया कभी इन तश्वीरो को नही दिखाएगी
मित्रों, सिख भारत मे मात्र 2% है
लेकिन सेना और दूसरे सुरक्षा बलों मे उनकी भागीदारी 35% से भी ज्यादा है |
ये एक बहादुर और सच्ची कौम है जिसने भारत मे 5 बार त्रासदी झेली | एक
बार जब इन्हें अपना परिवार जमीन आदि सब कुछ छोडकर पाकिस्तान से भारत आना
पड़ा .. फिर दूसरी बार १९८४ मे जब इंदिरा गाँधी की हत्या हुई तब कांग्रेस ने
इन्हें दुबारा पूरी तरह से उजाड दिया |
मित्रों, इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद
शुरू मे सिखो पर छोटे मोटे हमले हुए और दो या तीन सिख मारे गए . फिर जब
दूरदर्शन के एक पत्रकार ने राजीव गाँधी के इस बाबत पूछा तो उन्होंने एक
बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान दिया जिसने आग मे घी का काम किया | उन्होंने
बकायदा दूरदर्शन पर कहा कि "जब जंगल मे कोई बड़ा पेड गिरता है तो आसपास की
जमीन हिलने लगती है और छोटे मोटे पेड उखड जाते है " | मतलब साफ था कि राजीव
गाँधी खुद सिखों का नरसंहार चाहते थे | फिर राजीव गाँधी का इशारा मिलते ही
कांग्रेस के दिल्ली मे तीन बड़े नेताओ और सांसद सज्जन कुमार, तात्कालीन
केबिनेट मंत्री जगदीश टाइटलर, तात्कालीन केबिनेट मंत्री हरकिशन लाल भगत मे सिखो के नरसंहार करने की होड़ मच गयी | असल मे ये तीनों ज्यादा से ज्यदा सिखो का नरसंहार करके राजीव गाँधी के गुड़ बुक मे आना चाहते थे | इस तीनों
के तो बकायदा अपने गुर्गो को कह दिया की एक सरदार की पगड़ी लाने पर एक हज़ार
नगद .. और एक सरदार का घर जलाने पर १०००० नगद मिलेगा |
मित्रों, दिल्ली के सिख विरोधी नरसंहार पर
सबसे दोगला रवैया भारतीय मीडिया और तथाकथित सेकुलर कुत्तों का है | जो
मीडिया और सेकुलर जानवर जाकिया जाफरी, जाहिरा शेख, इशरत जहां को इंसाफ
दिलाने के लिए जी जान लगा देते है वही लोग सिखो के इंसाफ के लिए क्यों नही
कुछ करते ?
दिल्ली के इस भयावह दंगो के दस गवाहों
को जगदीश टाइटलर के ईशारे पर मौत के घाट उतार दिया गया और सैकडो गवाहों को
डरा धमका कर खामोश करवा दिया गया |
मित्रों, इन दंगो के बाद भी कांग्रेस
अपने इन त्री रत्नों के साथ मजबूती से खड़ी रही और इन्हें टिकट देकर सांसद
और मंत्री भी बनाया | जगदीश टाइटलर इन दंगो के बाद दस सालो तक केन्द्र मे
केबिनेट मंत्री रहे और उन्हें ट्रांसपोर्ट, सड़क मंत्रलय जैसा भारी भरकम पद
दिया गया था | उन्हें कई सालो तक कांग्रेस सेवा दल का प्रमुख भी बनाया गया
था | कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनावो मे भी जगदीश टाइटलर को टिकट दिया था
लेकिन एक पत्रकार ने जब पी चितंबरम के उपर जूता फेककर विरोध किया जब जाकर
उनका टिकट काट दिया गया |
लेकिन वो जुडो फेडरेशन के आज भी चीफ बने हुए है |
सज्जन कुमार भी दंगो के बाद १० सालो तककांग्रेस के सांसद रहे |
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एक सिख महिला को लाठियो से पिटते दिल्ली पुलिस |
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स्टेशन पर कुछ इस तरह बेईजत करते हुए बिना कफन के लाशे भेजी जाती थी |
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मरने के बाद कफन भी नसीब नही हुआ क्योकि ये सिख था |
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कांग्रेसी दंगाईयों ने औरतो और बच्चो तक को नही छोड़ा .. देखिये एक हसते खेलते पूरे परिवार को मौतके घाट कांग्रेसियो ने उतार दिया |
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जो सिख दिल्ली से भागना चाहते थे उन्हें ट्रेनों और बसों से खीचकर मारा गया |
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विलाप करते सिख परिवार |
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एक सिख अपने जले हुए घर को देखते हुए |
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बहशीपन की इंतिहा .. एक सरदार के गले मे टायर डालकर जिन्दाजला दिया कांग्रेसी गुंडों ने |
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जिन्दाजलता एक सिख .जिसे पूरी बहशी भीड़ घेरे हुए है |
मित्रों, मुझे माफ़ करना क्योकि मैंने
बहुत ही रोंगटे खड़े करने वाले फोटो अपलोड किये है | लेकिन गुजरात दंगो पर
अपनी छाती कुटने वाली कांग्रेस और मीडिया का सच सामने लाने के लिए ये जरूरी
था |आप 1984 के नरसंहार के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो इस लिंक पर जाएँ
https://www.facebook.com/ApnaPPP
ref : j.p. singh
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